गौतम अडानी एक सफल व्यापारी

आज के समय में गौतम अडानी एक सफल व्यापारी हैं, परन्तु बचपन में इनकी आर्थिक हालत कुछ ठीक नहीं थी जिसके कारण गौतम अदाणी को महज  16 साल की उम्र में कारोबार में हाथ आजमाने के लिए मुंबई जाना पड़ा था।

यह साल 1978 का था जब वे मुंबई गए और वहां हीरे का कारोबार शुरू किया। परंतु वे ज्यादा दिनों तक वहां काम नहीं कर पाये कुछ समय बाद सन् 1981 में वह अपने भाई के पास गुजरात लौट गए।

गौतम अदानी अपने भाई के प्लास्टिक फैक्ट्री में काम शुरू किया कुछ समय तक इसमें काम करने के बाद उन्होने अपने भाई से अपना अलग से व्यापार करने की बात कहकर सन् 1988 में उन्होंने कमोडिटी का एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट करने वाली कंपनी के रूप में अदाणी एंटरप्राइजेस की शुरुआत की।

गौतम अदानी जी को उस समय बदलते हुये आर्थिक सुधार का बहुंत ही अच्छा लाभ मिला जिस कारण सन् 1991 से उन्हे बड़ी तेजी से अपने व्यापार को फैलाने मे मदद मिली और इस प्रकार वे एक मल्टीनेशनल बिजनेसमैन बन गए। इसी प्रकार वे लगातार उंचाइयों को छूने लगे सन् 1995 गौतम अदाणी के लिए बेहद ही सफल साबित हुआ इसका कारण था मुंद्रा बंदरगाह जिसका कॉन्ट्रैक्ट अडानी के कंपनी को मिला।

सन् 1996 में व्यापारिक जगत में एक और बड़ा कदम उठाते हुये गौतम अदाणी जी ने अदाणी पावर लिमिटेड की नीव रखी। इन्होने 2010 में इंडोनेशिया में माइंस और 2011 में ऑस्ट्रेलिया के अबॉट पॉइंट कोल टर्मिनल को लगभग 2.72 अरब डॉलर में खरीदकर इस क्षेत्र में भी अपना हाथ आजमाया।

एक प्रकार से गौतम अदाणी जैसे जैसे अपना व्यापार फैला रहे थे उन्हे इनमे जिस भी सामग्री की अवश्यकता होती वे किसी कंपनी से वह मटेरियल खरीदने के बजाय पूरा सिस्टम ही खरीद लेते थे इस प्रकार से उनका व्यापार आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है के माध्यम से बढ़ता गया। इसी तर्ज पर उन्होने पोर्ट और रेलवे जैसे कारोबार में कदम रखा।

वर्तमान समय में अदाणी गु्रप इतना बड़ा हो गया है कि आज अदाणी ग्रुप का कारोबार एनजÊ, पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, माइनिंग, गैस, डिफेंस एवं एयरोस्पेस और एयरपोर्ट जैसे कई अन्य छोटे बड़े क्षेत्रों तक फैला है।

अदाणी समूह के अंतर्गत कई कंपनी शेयर बाजार मे लिस्टेड हैं जो अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी ग्रीन एनर्जी अदाणी पोट्र्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अदाणी पावर, अदाणी ट्रांसमिशन, अदाणी टोटल गैस लिमिटेड और अदाणी विल्मर हैं।

गौतम अडानी एक सफल व्यापारी के रुप में

देष मे कुछ ही ऐसे उद्योगपति हुए हैं जिन्होने अंतराष्ट्रिय रुप में अपनी अलग छवी बनाने में सफल हो पायें हैं, उनमें से एक गौतम अडानी जी हैं। यदि अम्बानी परिवार के बाद भारत में किसी सबसे बड़े धनी परिवार की गिनती होती है तो वह अडानी का परिवार ही है।

इनमें अन्य उद्योगपतियों की तरह इन्हे अपने पिता से विरासत में उद्योग प्राप्त नहीं हुआ था आज वह जिस भी स्थिति में है वह केवल और केवल उन्ही के बदौलत हैं। अडानी जी को यह सब उतनी आसानी से बिल्कुल भी हासिल नहीं हुआ है।

इसके लिये उन्होंने अपनी किस्मत बदलने के लिए कड़ी मेहनत की और यह मुकाम पाया। यदि आप गौतम अडानी जी की सफलता की कहानी पढ़ते अथवा देखते हैं तो इससे उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, व्यापार कौशल और कड़ी मेहनत का पता चलता है।

उन्होने जिसमें भी अपना हाथ आजमाया उन्हे निश्चित रुप से उसमे सफलता मिली है, उन्होने कभी भी कड़े फैसले और कड़े मेहनत से पिछे नहीं हटे और इसका इस्तेमाल उन्होंने अपनी सफलता की सीढ़ी बनाने के लिए किया। अडानी जी की आर्थिक स्थिति बचपन में कुछ ठिक नहीं थी जिस कराण उन्होने व्यापार में हाथ आजमाने का प्रयास किया।

उन्होंने अपना कार्य शुरू करने के लिए कॉलेज को बिच में ही छोड़ दिया। इसका मुख्य कारण यह था कि उन्हे यह समझ आ गया था कि उनके पिता जोकि एक छोटे से कपड़ा व्यापारी थे, उन्हे अपने सात बच्चों का पालन पोषण करने में बहंुत मुस्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

अडानी जी हीरे से संबंधित काम शुरू करने के लिए मुंबई की ओर रवाना हुये। यह कार्य उन्होने लगभग 2-3 साल तक किया, लेकिन तब तक, उन्होंने व्यापार की बारीकियों को समझ लिया था, वे ऐसे व्यक्ति थे जो हमेशा सिखते रहे। व्यापार के बारे में उनके ज्ञान ने उन्हें हीरे की दलाली लगाने में उनकी बहुंत मदद की।

गौतम अडानी का स्वयं के बल पर किया गया यह पहला व्यवसाय था जिसमें उन्होंने अपने आपको परखा। इसके पश्चात उनके जीवन का अगला बड़ा मोड़ तब आया जब उनके भाई महाशूख अडानी के द्वारा एक प्लास्टिक फैक्ट्री का काम शुरु किया गया और इसमे अपने भाई गौतम अडानी की मदद के लिये उन्हे वापस अहमदाबाद बुला लिया।

गौतम अडानी जी अपने भाई के इस फर्म में शामिल हो गये, और बहंुत ही जल्द वह भारत को पॉलीविनाइल क्लोराइड या पीवीसी आयात कर रहे थे। यहीं से उन्हे वैश्विक व्यापार क्षेत्र में एक पहचान मिली।

कुछ जानकारों का मानना है कि इसके कुछ समय पश्चात उन्होने अपने भाई से अपना अलग व्यापार शुरु करने की इच्छा प्रकट कि जिसके बाद उन्होने सन् 1988 में अडानी समूह की स्थापना किया। शुरुआती दिनों में इन्होने कृषि उत्पादों और बिजली पर कारोबार किया।

गौतम अडानी की दूरदर्शिता और अवसर भांप लेने की अद्भुत क्षमता के कारण इन्होंने उन अवसरों की पहचान की जब भारतीय अर्थव्यवस्था मे लगातार उतार चढ़ाव बने हुये थे। यह क्षमता उनके लिए एक प्रकार से आशीर्वाद साबित हुआ था। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिये उन्होंने नए बाजार पर कब्जा करने के उद्येष्य से विविधता पर अधिक जोर दिया।

सन् 1991 आते आते भारतीय अर्थव्यवस्था के नए युग की शुरुआत होने लगी थी, अडानी जी के द्वारा अपने उद्योगों में लाइ गई यह विविधता उनके लिये अवसर सिध्द हुआ।

धीरे-धीरे अडानी समूह एक विषाल औद्योगिक समूह के रूप में उभरा, जो बिजली उत्पादन और प्रसारण, कोयला व्यापार और खनन, गैस वितरण, तेल और गैस की खोज, बंदरगाहों जैसे व्यापारिक क्षेत्रों में अपना सुनहरा भविष्य लिखने की ओर अग्रसर हो गये और आज पूरे विष्व में अपनी एक अलग पहचान बनाये हुये हैं।

गौतम अदाणी से सिखने वाली बातें

यदि हम गौतम अडानी जी के जीवन पर गौर करें, तो उनका सफर बिलकुल भी आसान नहीं है। उन्होने अरबपति बनने तक का सफर स्वयं के बलबूते पर तय किया है। उनमे एक विलक्षण प्रतिभा है कि वह एक दूरदर्शन व्यक्ति हैं और उन्होने जिस भी व्यापार में हाथ बढ़ाया उन्हे निष्चित ही सफलता मिली है।

जब उनके व्यापारिक जीवन की शुरुआत कर रहे थे उस समय अवसर आने पर अवसरों को उन्होने अपने अनुकूल करना सीख लिया था। एक आम जनमानस गौतम अडानी से निम्न बांते सीख सकते हैं।

गौतम अदाणी से संबंधित सर्च किये जाने वाले प्रश्न

अडानी किस उम्र में अरबपति बन गए?

गौतम अडानी एक ऐसे बिजनेस मैन हैं जिन्होने शुन्य से शुरुआत करके यह सफलता हासिल किया है यदि उनके अरबपति बनने की बात करें तो लगभग 46 वर्ष की उम्र में वे एक अरबपति व्यापारियों की सूची में शामिल हो गये थे।

गौतम अडानी की शादी कब हुई?

गौतम अडानी जी की शादी मई सन् 1986 में प्रीति अडानी जी से हुई इस समय उनकी उम्र लगभग 24 साल की थी यह वह समय था जब गौतम अडानी जी अपने जीवन के चुनौतियों से जूझ रहे थे। कुछ जानकारों के अनुसार शादी होने के बाद उनकी पत्नी ने भी व्यापार में उनका बहुंत सहयोग किया और जीवन के इतने समय साथ बिताने के बाद आज भी उनके बिच में बहुंत पे्रम है।

अडानी के कितने बेटे हैं?

अडानी के दो बेटे हैं जिनके नाम करण और जीत अडानी है, इनमें करण बड़ा एवं जीत उनका छोटा बेटा है। वर्तमान समय में उनके दोनो बेटे व्यापार में अपने पिता जी का साथ देते हैं।

अडानी 1 दिन में कितने रुपये कमाता है?

इसका सही जवाब मिल पाना थोड़ा कठीन है इसका कारण है उनके आय में लगातार परिवर्तन होना। परंतु यह कहा जा सकता है कि वे एक दिन में अरबों रुपये कमाते हैं।

गौतम अडानी के कितने बच्चे हैं?

गौतम अडानी जी के कुल दो बच्चे हैं और दोनो बेटे हैं एक का नाम करण और दूसरे का नाम जीत अदाणी है।

गौतम अडानी का मुख्य व्यवसाय क्या है?

गौतम अडानी जी का व्यवसाय किसी एक क्षेत्र में नहीं है वे खनन उद्योग से लेकर पावर सेक्टर तक और गैस तेल के खोज से लेकर विल्मर (खाने पिने की सामग्री) तक सभी क्षेत्रों में अपना व्यापार करते है इसके साथ ही वे पोर्ट (बंदरगाहों) के व्यापार से भी जूड़े हुये हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा पैसे वाला व्यक्ति कौन है?

यदि दुनिया में सबसे ज्यादा पैसे वाला व्यक्ति के बारे में कहें तो यह समय समय पर परिवर्तन होते रहता है। इसी कड़ी में यदि सितम्बर 2023 की बात करें तो कुछ संपत्ति गणना करने वाले संस्था के अनुसार लगभग 162 अरब डाॅलर के साथ जेफ बेजोस सबसे ज्यादा पैसे वाले व्यक्ति हैं।

अदानी एक साल में कितना कमाती है?

गौतम अडानी की कंपनियों की बात करें तो इनके कमाई में लगातार वृध्दि दर्ज कि जा रही है। फोब्र्स बिलियनेयर के नुसार अदानी गु्रप भारत में प्रतिवर्ष 52,16,86,6531397.00 रुपये कमा रहें है। हालांकी यह नंबर परिवर्तित होते रहते हैं।

भारत का नंबर वन पैसे वाला कौन है?

भारत में कई ऐसे व्यापारिक चेहरे हैं जिनकी सम्पत्ति खरबों में है परंतु यदि नंबर 1 की बात करें तो इनमें कुछ ही लोग आ पाते हैं जो एक दूसरे को इसमें मात दे सकते हैं जैसे अंबानी परिवार, अडानी गु्रप, टाटा समूह जैसे बिजनेस टायकून हैं हुरुन इंडिया तथा 360 वन वेल्थ द्वारा संयुक्त रुप से जारी की गई इंडिया रिच लिस्ट 2023 में मुकेश अंबानी को सबसे उपर रखा गया था।

 

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