नितिन गडकरी

श्री नितिन गडकरी जी स्वयं सेवक संघ के सदस्य रह चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं। वर्तमान समय में वो 2014 से भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं आगे चलकर उन्हे नौवहन और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प का मंत्री भी बनाया गया।

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उन्होने अनेकों सडकें, एक्सप्रेसवे और फ्लाईओवर बनवाये है जिस कारण उन्हें ‘फ्लाईओवर मैन’ के रूप में जाना जाता है। नितिन गडकरी का जन्म 27 मई, 1957 को महाराष्ट्र के नागपुर शहर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

उन्होंने अपनी शिक्षा नागपुर से किया है। श्री गडकरी जी को टेक्नोलाॅजी से बहुंत प्रेम है इन्होने ई-रिक्सा के लिये बहुंत अच्छा प्रयास एवं कार्य किया है, इन्होने कृषि के क्षेत्र एवं ईंधन के अल्टरनेटीव के लिये बहुंत से प्रयास किये है।

नई तकनीकों (टेक्नोलॉजी), हरित तकनीक, कृषि के विकास, बायो ईंधन, जैव ईंधन, कृषि का रूपांतरण, रोजगार तथा उत्पादन के लिए पार्टी कार्यकर्ता के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते उन्होने इन क्षेत्रों पर बहुंत प्रयास किया है।

उन्हें मात्र 24 वर्ष के उम्र मे ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष के तौर पर चुना गया था। श्री नितिन गडकरी जी ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी प्रसंशा विपक्षी पार्टी के नेता भी करते हैं।

नितिन गडकरी का जीवन

महाराष्ट्र के नागपुर मे 27 मई 1957 को श्री नितिन गडकरी जी का जन्म एक मराठी ब्राम्हण परिवार में हुआ था। नितिन गडकरी के माता पिता का नाम श्रीमति भानुताई गडकरी और श्री जयराम गडकरी था।

वे धन धान्य से संपन्न परिवार थे, उनके पिता संघ से जुड़े हुए थे तथा संघ के एक सामान्य कार्यकर्ता थे वहीं गडकरी की माता जी संघ की एक प्रसिद्ध प्रचारक थीं।

गडकरी जी बचपन से ही एक सामान्य छात्र रहे हैं, जब उनकी उम्र एक किशोरावस्था की थी उस दौरान उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा तथा छात्र संघ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मे भी काम किया।

उन्होंने अपनी स्नातक, स्नातकोत्तर (काॅमर्स) के साथ ही एल.एल.बी. की पढ़ाई भी नागपुर से ही किया था। इसके अतिरिक्त उन्होने डॉक्टर ऑफ लेटर्स भी किया है। उन्होने 18 दिसंबर 1984 को कंचन गडकरी जी से शादी किया जिनसे उन्हे तीन बच्चे हैं जिनमे दो बेटे एवं एक बेटी है जिनके नाम निखिल, सांरग तथा केतकी हैं।

उनके सभी बच्चे बड़े हो चुके हंै तथा उनकी भी शादी हो गई है सभी अपने पारिवारिक व्यवसायों को संभालते है तथा इसके अतिरिक्त कई दूसरे व्यवसायों में भी कार्य कर रहे हैं, गडकरी जी ने अपने बच्चों को राजनीति से दूर रखा है।

जानकारी के अनुसार इनका पूरा परिवार शुध्द शाकाहारी भोजन करते हैं। गडकरी जी व्यक्तिगत रुप से खाने तथा संगित के सौकिन हैं वे गजल भी सुनते हैं।

उन्होने कई बार पत्रकारों को दिये अपने वक्तव्य मे यह कहा है कि समय मिलने पर मैं कभी कभी फूटपाथ मे खाना खाने के लिये चला जाता हुं। नितिन गडकरी जी ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत बहंुत कम उम्र मे ही इमरजेंसी के खिलाफ संघर्ष करते हुए महज 19 वर्ष मे ही कर दिया था।

चूंकि गडकरी जी के पिता जी एक धनवान व्यक्ति थे जिस कारण उन्हे कभी भी आर्थिक रुप से परेशानियों का सामना नही करना पड़ा था।

उनमे समाज सेवा का गुण संभवतः उनके पिता जी से आये थे। पेशे से वे एक उद्योगपति हैं तथा कई प्रकार के व्यवसायों मे कार्य कर रहे हैं। इन्होने अपनी छवि एक जमीन से जुड़े हुए नेता की बनाई हुई है।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत

श्री नितिन गडकरी जी ने वैसे तो वकालत तथा बिजनेस की पढ़ाई किया है परंतु कुछ परिस्थितियां ऐसी बनती चली गई की उन्होने राजनीति को अपना जीवन का हिस्सा बना लिया परंतु राजनीति उनकी कोई खानदानी पेशा नहीं है।

गडकरी जी पेशे से एक उद्योगपति हैं। उनका मानना है कि, समाज सेवा के लिये राजनीति ही एक उपयुक्त जरिया है। इन्होने अपना राजनीतिक सफर 19 वर्ष की उम्र मे इमरजेंसी के खिलाफ संघर्ष से शुरु किया था जो लगभग 19 माह तक चला था।

इस प्रकार गडकरी ने 1976 में नागपुर विश्वविद्यालय में भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मे सामिल हो गये। बाद में उनकी लगन और लोकप्रियता के कारण 23 वर्ष की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनाये गये।

गडकरी जी मे सब को साथ लेकर चलने की एक बहुंत ही अच्छी खूबी थी इसके साथ ही उनका व्यवहार बहुंत ही मिलनसार तथा मिठा था, यही कारण था की उन्हे अपने वरिष्ठ नेताओं का साथ मिलता रहा तथा वे उनके प्रिय बने रहे।

जब सन् 1995 में महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार बनी तब गडकरी जी गडकरी जी 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री के रूप में कार्य किया और इस दौरान उन्होने इसमे पूर्ण रुप से इसे पुनर्गठित कर दिया।

उन्होंने इस समय भाजपा की महाराष्ट्र राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। जब उन्हे लोक निर्माण मंत्री बनाया गया यह अवधी चार साल तक की थी उन्होने बहंुत अच्छे ढंग से निर्वहन किया।

जब उन्हे लोक निर्माण मंत्री बनाया गया था तब मंत्री के रूप में उनके अच्छे कामों के कारण सभी उनकी प्रसंषा करते थे। गडकरी जी ने निजीकरण का पुरजोर समर्थन किया इसका कारण यह था कि, उनका ऐसा मानना था की इससे राज्य मे निवेष आयेगा।

जिससे बेहतर कनेक्टिविटी और राजस्व मे वृध्दि होगी तथा रोजगार के अवसर भी पैदा होगें जोकि किसी भी सरकार के लिये एक अहम कार्य हो जाता है।                                     

            सन् 1983 मे गडकरी जी विधान परिषद का चुनाव हार गये परंतु उन्होने निरास ना होते हुये अपनी गलतियों से सिख लेकर सन् 1989 में पुनः चुनाव लड़ा और वे पहली बार महाराष्ट्र के विधान परिषद के लिए चुने गए वे लगातार २० वर्षों तक विधान परिषद के सदस्य बने रहे हैं।

इस दौरान उन्होने महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता की भी भूमिका निभाई थी। इस प्रकार नितिन गडकरी जी एक के बाद एक चुनाव जितने तथा सब को साथ लेकर चलने के स्वभाव के कारण भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार हो गये, जिससे अब वे भाजपा मे केवल महाराष्ट्र राज्य का नेतृत्व नही बलकी भाजपा के केन्द्र के लेवल के नेता बन गये थे।

इस समय भाजपा को लोकसभा के चुनाव मे लगातार दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा जिससे भाजपा केन्द्र मे मानो भूचाल सा आ गया इसी दौरान आरएसएस द्वारा बड़े पदों पर फेरबदल करने की सलाह दी तथा यह भी सलाह दी गई की अध्यक्ष दिल्ली से बाहर से चुने जाये।

इस पर कई नेताओं का नाम सामने आया परंतु सबसे लोकप्रिय के तौर पर अंतिम रुप से  लालकृष्ण आडवाणी जी की राय पर नितिन गडकरी को अध्यक्ष पद के लिये मनोनित करने का फैसला लिया गया जिसपर आरएसएस ने भी अपनी मुहर लगा दी।

इस प्रकारा 19 दिसंबर को भाजपा के संसदीय बोर्ड में श्री नितिन गडकरी जी को सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुनने के लिये सहमती बन गई तथा पार्टी के अपने संविधान के अनुरुप तीन साल तक गडकरी जी को इस पद पर बना रहना था।

भाजपा के अध्यक्ष के रुप मे

भाजपा मे लालकृष्ण आडवाणी एवं आरएसएस के साथ अन्य प्रमुख सदस्यों के सर्वसम्मति से नये अध्यक्ष के रुप मे श्री नितिन गडकरी जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।

नितिन गडकरी इस चुनाव के बाद भारत के सबसे बड़े विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। इस समय कांग्रेस के बाद भाजपा ही देश की सबसे बड़ी पार्टी थी।

इस प्रकार गडकरी जी ने अध्यक्ष के रुप मे राजनाथ सिंह जी की जगह ली, वे भाजपा के नौवे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये गये थे। अभी तक जिनको भी भाजपा के अध्यक्ष के रुप मे चुना गया था गडकरी जी उनमे सबसे युवा अध्यक्ष हैं।

और जब उन्हे भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद दिया गया था उस समय उनकी उम्र 52 वर्ष थी। कुछ जानकारों की माने तो आरएसएस के द्वारा इस पद के लिये भाजपा मे पहले ही गडकरी जी को अध्यक्ष बनाने की चर्चा पर अंतिम मोहर लगा दिया गया था और जो उनका चुनाव हुआ वह केवल एक औपचारिकता मात्र था।

गडकरी जी को देखें तो राष्ट्रीय स्तर पर उनकी छवी कुछ खास नहीं थी परंतु कुछ जानकारों की माने तो वे आरएसएस के पदाधिकारियों के बहंुत ही प्रिय थे जिस कारण आरएसएस ने उन्हे भाजपा के उच्च पदों पर ले जाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

नितिन गडकरी जी ने इस पद का निर्वहन करते हुये दिंसबर 2009 से लगभग 2013 तक कार्य किया, यह वह समय था जब भाजपा लगातार दो बार लोकसभा का चुनाव हार चुकी थी।

भाजपा के पार्टी अध्यक्ष के रूप में गडकरी जी ने कई ऐसे कार्यों को करने का प्रयास किया जिसमे समय के साथ उन कार्यों की गति कमजोर पड़ गई थी।

इसके साथ ही उन्होने विभिन्न राज्यों मे जहां भाजपा की सरकार थी ऐसे राज्यों मे सरकारों द्वारा किए गए विकास कार्यों की नियमित निगरानी करने और नई नीति इजात करने के साथ पार्टी के अंदर इन कार्यों के समीक्षा के लिये विभिन्न टीमों का गठन किया गया था। आगे चलकर गडकरी जी ने जनवरी 2013 में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया।

केंन्द्रीय मंत्री के रुप मे

कुछ समय पश्चात भाजपा के द्वारा किये गये अपने पार्टी मे इस प्रकार के परिवर्तन और उनके विभिन्न क्षेत्रों मे राज्य सरकारों के प्रयास से तथा श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के नेतृत्व मे भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने मे कामयाब हो गई।

जिसमे श्री नितिन गडकरी जी की भी बहुंत बड़ी भूमिका थी परिणाम स्वरुप 27 मई 2014 को उन्हे  केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाया गया, जिसके बाद 29 मई 2014 को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।

इस प्रकार उन्हे सड़क परिवहन, राजमार्ग और पोत परिवहन मंत्री बनाया गया, इसके बाद उन्हे 4 जून 2014 व 9 नवंबर 2014 को ग्रामीण विकास पंचायती राज, पेयजल के साथ स्वच्छता का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।

3 सितंबर 2017 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय भी इन्हे सौंप दिया गया। यह गडकरी जी की कार्य कुशलता ही है जिसके कारण उनके मंत्रालय मे बढ़ोतरी कि गई, उन्होने कई पत्रकारों के द्वारा लिये गये उनके पत्राचार मे रोड एवं परिवहन विभाग के मंत्रालय को मांग कर लेने कि बात स्वीकार किया है।

जब गडकरी जी का पहला कार्यकाल समाप्त हुआ तथा दूसरी बार मोदी जी प्रधान मंत्री बने तब 4 जून 2019 को एक बार पूनः गडकरी जी नई दिल्ली में केंद्रीय सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला और वर्तमान 2023 तक इस पद पर बने हुये हैं।

इस पद को देने का एक कारण यह भी था कि उन्होने महाराष्ट्र राज्य सरकार मे इस मंत्रालय को राज्य स्तर पर संभाला था जिससे उन्हे इसमे कार्य करने का अनुभव भी था।

भाजपा ने लगातार दूसरी बार केन्द्र मे अपनी सरकार बनाई जिस कारण वर्तमान समय मे गडकरी जी सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं जिनका कार्यकाल वर्तमान में 9 वर्षों से भी अधिक का हो गया है।

एक केंन्द्रीय मंत्री होने के नाते ऐसे राज्य के नेषनल हाईवे जो केन्द्र के अंदर आते है उन राज्यों मे चाहे किसी की भी सरकार क्यों न हो उनके द्वारा कभी भी कार्यों को लेकर भेदभाव नहीं किया गया जिसके कारण न केवल उनके पार्टी के लोग बलकी विपक्षी पार्टी के लोग भी उनका हृदय से प्रशंसा करते हैं।

गडकरी जी वर्तमान समय में नागपुर लोकसभा के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, सड़क परिवन मंत्री के रुप मे उनकी सबसे अधिक चर्चा मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की होती है जिनका उनके सम़क्ष पत्रकारों द्वारा कई बार इसकी बात की जाती है।

इसी प्रकार और भी कई एक्सप्रेसवे और अन्य सड़क तथा बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान के वजह से मीडिया द्वारा उन्हें अक्सर भारत का एक्सप्रेसवे मैन के नाम से जाना जाता है।

गडकरी जी ने 2014 का लोकसभा चुनाव नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से सफलतापूर्वक लड़कर जीत हासिल किया। इस चुनाव मे उनके द्वारा कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार श्री विलास मुत्तेमवार को 285,000 के भारी अंतर से हराया था।

इसके बाद अगली लोकसभा चुनाव 2019 में श्री नाना पटोले को 216,000 के भारी अंतर से पूनः कांग्रेस पार्टी को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी है।

नितिन गडकरी जी ने देश मे रोड बनाने की जो गति थी उसे लगातार बढ़ाते हुये एक दिन मे 50 कि.मी. से भी अधिक गति से ले जाने मे समर्थ हुये हैं जोकि देश के विकाश मे मिल का पत्थर साबित हो रहा है।

जब वे मंत्री बने तब सड़क निर्माण की गति लगभग 2 किमी. दिन की थी जिसे उन्होने पहले वर्ष मे 16.5 किमी. दिन तथा दूसरे वंर्ष 21 किमी. दिन तक बढ़ाया 2018 के अंत तक आते आते उन्होने इसे 30 किमी. दिन तक कर लिया था।

जब नरेंन्द्र मोदी जी के दूसरी बार प्रधान मंत्री बने तब गडकरी जी पूनः इस मंत्रालय को प्राप्त करने के दौरान सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अपने पास रखा, जबकि जहाजरानी मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास, गंगा कायाकल्प मंत्रालय को 31 मई 2019 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय मेे बदल दिया गया।

गडकरी जी ने राजमार्ग निर्माण की गति 2020 तक 36 किमी प्रति दिन तक ले गये थे और गडकरी जी का लक्ष्य इसे और बढ़ाने का था परंतु वर्तमान स्थिति के अनुसार आज देष मे लगभग 30 किमी. प्रतिदिन के गति से रोड का निर्माण किया जा रहा है जोकि अपने आप देष के लिए बहुंत बड़ी उपलब्धी है।

गडकरी जी का एक सपना आत्मनिर्भर भारत का है जिसके लिये उन्होने हरित ईंधन अपनाने और ईंधन आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण के अनुरूप हाइड्रोजन चालित एफसीईवी टोयोटा मिराई कार से वे अधिकांशतः संसद जाते हैं।

उन्होंने इस पर लोगों को अपनी राय बनाने के लिये हरित ईंधन वाले वाहन चुनने का निवेदन किया है।

नितिन गडकरी एवं सड़कों से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न

सड़क परिवहन मंत्री कौन हैं भारत के?

वर्तमान 2023 के समय मे श्री नितिन गडकरी जी सड़क परिवहन मंत्री हैं।

सड़क का निर्माण कौन करता है?

भारत मे राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के अतंर्गत आने वाले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा सड़क निर्माण कार्य किया जाता है।

सड़क कितने प्रकार के हैं?

देष मे सड़कों के कइ प्रकार हैं जिसे राज्य और केन्द्र अपने-अपने स्तर पर निर्माण करते है, यहां विभिन्न प्रकार की सड़कें बनती है जो इस प्रकार हैं:- ऽ गांव की सड़कें ऽ जिला सड़कें ऽ राज्य राजमार्ग ऽ राष्ट्रीय राजमार्ग ऽ एक्सप्रेसवे

सड़क कितने प्रकार के होते हैं?

अगर देखा जाये तो सड़क तो सड़क ही होता है जिसका कार्य कनेक्टिविटी के लिये होता है, परंतु सड़क के चैड़ाई तथा निर्माण की जो व्यवस्थात्मक सरंचना होती है उसके कारण इसे कई प्रकारों मे बांटा जा सकता है जैसे देश मे सड़कों को चार प्रकार में बांटा जा सकता है जैसे कि नेशनल हाईवेज, स्टेट हाईवेज, डिस्ट्रिक्ट रोड और विलेज रोड।

सड़क कितनी चैड़ी होती है?

अलग-अलग सड़कों की चैड़ाई अलग-अलग होती है, यदि एक नेषनल हाईवे की चैड़ाई की बात करें तो यह आमतौर पर 7 से 15 मीटर तक होती है।

किस प्रकार की सड़क सबसे सुरक्षित है?

सुरक्षित सड़कों के अंतर्गत यह भी ध्यान रखना जरुरी है कि वह रोड किस क्षेत्र अथवा देश मे है और इसके साथ ही वह देश के किस हिस्से मे स्थित है कहीं वह घनी आबादी वाले हिस्से मे तो नहीं है ये सभी बातें किसी सड़क की सुरक्षा को स्पष्ट करती है, इन सभी बातों को ध्यान मे रखते हुए देखा जाये तो गे्रट ब्रिटेन में मोटरवे सांख्यिकीय रुप से सबसे सुरक्षित सड़कें हैं। कुल यातायात का लगभग पांचवा हिस्सा वहन करने के बावजूद हमारी सड़कों पर होने वाली मौतों में से केवल 5 प्रतिशत मौतें मोटरमार्गों से होती हैं।

जिला सड़क किसे कहते हैं?

देश मे जिला सड़क वह है जो जिले के विभिन्न गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने का काम करती है। यदि इनके रखरखाव कि बात करें तो नगर पालिका तथा निगमों द्वारा किया जाता है।

ग्रामीण सड़क की परिभाषा क्या है?

ग्रामीण सड़कें वह सड़कें होती है जो ग्रामीण क्षेत्रों तथा गांवो को शहरों से अथवा जिला मुख्यालयों से जोड़ने का काम करती है।

फोर लेन रोड का साइज कितना है?

4 लेन रोड का साइज कुछ विशेश जगहों के आधार पर बांटा गया है जैसे कि इसे ग्रामीण क्षेत्रों में 90 फीट व अन्य जगहों पर 150 फीट चैड़ी 4 लेन होगी।

6 लेन हाईवे कितना चैड़ा है?

देश मे 6 लेन के लिए सड़क की चैड़ाई 60 मीटर है जो नेशनल हाईवे होती है। इसी प्रकार भारतीय सड़क कांग्रेस के अनुसार भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग की चैड़ाई या रास्ते का अधिकार (आरओडब्ल्यू) 30 मीटर से 75 मीटर चैड़ा है। जिसमे 2 लेन नेशनल हाईवे के लिए 30 मीटर चैड़ा होता है।

सबसे टिकाउ सड़क कौन सी है?

वर्तमान शोधों से पता चला है कि कंक्रीट की सड़कें आम तौर पर डामर द्वारा बनाये गये सड़कों की तुलना में अधिक मजबूत और टिकाउ होते हैं। टिकाउ, स्किड प्रतिरोधी सतह प्रदान करने के लिए सतह को खांचेदार बनाया जा सकता है। यह भी देखा गया है कि डामर की सड़कों की तुलना में कंक्रीट की सड़कों पर दुर्घटनायें काफी कम होती है। इसके साथ ही यह भी पाया गया है कि कंक्रीट सड़कों में वाहनो के टायरों का ग्रीप डामर की तुलना में बहुंत अच्छी होती है।

सड़क पर चलते समय कौन से दो सुरक्षा नियम याद रखने चाहिए?

सड़क पर चलते समय हमें बहुंत सी सावधानी बरतनी चाहिए जिससे हमें किसी प्रकार की दूर्घटनाओं का सामना ना करना पड़े मुख्य रुप से इन दो नियम को ध्यान देना चाहिए:- 1. यदि आप छोटे हैं तो सदैव बडों की मदद से सड़क पार करें। 2. सड़क के किनारे यदि प्रतीक्षा कर रहें हों तो ऐसे स्थान पर खड़े हों या प्रतीक्षा करें जहां से सड़क के दोनो ओर स्पष्ट देखा जा सके।

सड़कों के लिए सबसे टिकाउ सामग्री कौन सी है?

सबसे टिकाउ सामग्री की बात करें तो इसका सबसे अच्छा आॅप्सन कंक्रीट ही हो सकता है क्योंकि कंक्रीट की सड़क की सतह लंबे समय तक चलती है डामर के लिए 18 की तुलना में यह 25 साल तक चल सकती है।

भारत में रोडवेज कितने प्रकार के होते हैं?

भारत में रोडवेज को मुख्यतः तीन भागों में बांटा गया है जिसे स्थान के आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग, जिला सड़क राज्य राजमार्ग और ग्रामीण सड़कों में वर्गीकृत किया जाता है। इसके साथ ही सड़कों और राजमार्गों के प्रकारों को भी उनके स्थलाकृति के आधार पर अलग से वर्गीकृत किया जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में मैदानों समुद्र तटों तथा पहाड़ों के अलावा और भी बहुंत सी विविध स्थलाकृति है।

ग्रामीण सड़क कौन बनाता है?

वर्तमान मे ग्रामीण सड़कों का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाया जाता है जिसका प्रोजेक्ट प्रपोजल एवं क्लियरेंस नेषनल रुरल रोड डेवलपमेंट एजेंसी के द्वारा किया जाता है जो राज्य सरकार के अधिन कार्य को पूर्ण करता है पंरतु इसका फंड केन्द्र सारकार द्वारा किया जाता है।

सड़क निर्माण कैसे होते हैं?

सड़क का आकार बनाने के लिए कंपनी द्वारा फाॅर्मवर्क लगाया जाता है। इसकी मजबूती के लिये सड़क में स्टील के सलाखों को फाॅर्मवर्क में रखा जाता है। कंक्रीट प्लेसमेंट को कंक्रीट में मिलाया जाता है तथा बनाये गये फाॅर्मवर्क में डाला जाता है, इस प्रकार से इसका निर्माण किया जाता है।

सड़क का क्या कार्य है?

सड़क आवागमन के लिये एक जरुरी साधन का कार्य करता है जिसके बिना कनेक्टिविटी को निर्धारित नहीं किया जा सकता दूसरे शब्दों में कहंे तो सड़क भूमि पर बने ऐसे मार्ग को कहते हैं जिसको समतल बनाकर उसमे वाहनों के जरिए परिवहन में सुगमता लाई जाती है।

फोर लेन रोड पर गाड़ी कैसे चलाते हैं?

फोर लेन रोड मे वाहनों के चलाने के लिए कुछ नियम निर्धारित किये गयें है जिसके हिसाब से सभी ऐसे वाहन जो धीमी गति से चलने वाले होते हैं जैसे ट्रक बस आदि को अपने साईड के टू लेन मे बायीं लेन पर रहना चाहिए और जो तेज गती से चलने वाले वाहन हैं जैसे कारों को दाहिनी लेन पर रहना चाहिए। यह जो नियम है यह वाहनों के बायीं ओर से ओवरटेक करने से बचाता है, हमारे यहां रोड के बने रुल तोड़ना एक आम बात है परंतु हमे दुर्घटना से बचनें के लिए कभी भी गलत साईड से ओवरटेक नहीं करना चाहिए।

नेशनल हाईवे में कितने लेन हैं?

यदि हम देखें तो इसके कोई निश्चित मापदण्ड नहीं हैं कि इसमे कितने लेन बनाये यह अपनी सुविधा और आवागमन के लिये होने वाले ट्रैफिक को ध्यान मे रखते हुये किया जा सकता है, वर्तमान समय मे यदि राजमार्गों की बात करें तो इसमे सुधार करते हुए अधिकांश नेशनल हाईवे को अब फोर लेन वाली सड़के हैं बनाई जा चूकी है। और जो रोड पहले से फोर लेन थी उनको और विस्तार करके इनमें से अधिकांश को छह या अधिक लेन तक विस्तारित किया जा रहा है।

हाईवे में रो क्या है?

भारत मे जो हाईवे बनाई जा रही है उनमे रो को ध्यान मे रखकर निर्माण किया जा रहा है। भारत सरकार के 30 दिसंबर 2021 को प्रकाशित यह सड़क निर्माण और इसके संरेखण के साथ भविष्य के विकास के लिए अधिग्रहित सड़क का क्षेत्र है। जिससे यदि भविष्य मे इन सड़कों को और भी चैड़ा करने की आवश्यकता पड़े तो सरकार को भूमि अधिग्रहण करने की आवश्यकता ना पड़े इसके साथ ही यह लोगों द्वारा किये जा रहे डेवलपमेंट कार्याें को भी रोड से थोड़ा दूर बनाने के लिये भी प्रोत्साहित करता है, इसका एक लाभ यह भी होता है कि इससे रोड मे दुर्घटना होने पर स्थानिय लोगों को नूकसान नहीं होता। इसे राईट आॅफ वे के नाम से भी जाना जाता है इसके साथ ही रास्ते के अधिकार को स्थायी या भूमि की चैड़ाई के रुप में भी जाना जाता है।

नेशनल हाईवे में कितने लेन हैं?

वर्तमान समय मे जो भी नेशनल हाईवे उपलब्ध हैं उनमें से अधिकांश राजमार्गों कों फोर लेन किया जा चुका है। इस प्रकार नेशनल हाईवे मे फोर लेन है।

विश्व की सबसे उंचाई पर कौन सी सड़क है?

विश्व की सबसे उंची सड़क की बात करें तो लद्दाख जोकि विश्व मे सबसे उंचा स्थान है उसके अंतर्गत आने वाली उलमिंग्ला सड़क विश्व में सबसे उंची सड़क है।

विश्व की सबसे बड़ी सड़क कौन सी है?

विश्व की सबसे बड़ी सड़क अथवा लंबा हाईवे कहां है इसका उत्तर होगा पैन अमेरिकन हाईवे। इस हाईवे की लंबाई की बात करें तो यह अमेरिका से शुरु होकर दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना तक लंबी है। यही कारण है कि इसे दुनिया का सबसे लंबा रोड कहा जाता है।

गाड़ी चलाने से पहले क्या करना चाहिए?

जब भी हम गाड़ी चलाते हैं तब गाड़ी को चलाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिसे हम प्रिकाॅशन के रुप मे ले सकते जैसे:- ऽ कार अथवा गाड़ी को चलाने से पहले कुछ जरुरी चीजें जो एक व्यक्ति को चेक करना चाहिए जिससे आगे जाकर गाड़ी में खराबी ना आये। ऽ सभी टायरों को चेक करें यदि हवा कम है तो उसमे हवा भरें नहीं तो चेक करायें। ऽ इंजन आॅयल, कूलन, स्टेरिंग आॅयल, बे्रक आॅयल, इसके अलावा अन्य कोई चेक करने का विकल्प है तो उसे भी चेक करना चाहिए। ऽ ब्रेक को चेक करें इसके बाद गाड़ी के नीचे भी चेक करें कहीं कोई लीक तो नहीं हैं। ऽ इसके अतिरिक्त वाहन चलाने से पहले विशेश रुप से नीचे देखें कि कहीं किसी प्रकार का जानवर जैसे की कुत्ता, बिल्ली अन्य तो नहीं है क्योंकि ऐसे जीव गाड़ी के नीचे अक्सर बैठ जातें हैं।

गाड़ी चलाते समय आगे की गाड़ी से कितनी दूरी रखनी चाहिए?

गाड़ी चलाते समय एक नियम का उपयोग करना चाहिए जो 3 सेकेंड नियम के नाम से जाना जाता है इसका एक सिधा सा गणित है कि यदि आपके सामने वाला गाड़ी अचानक से ब्रेक मारता है तो यदि आपकी रफ्तार सामान्य से थोड़ी जादा है फिर भी आप गाड़ी को तीन सेकेंड की दूरी अर्थात 15 मीटर की दूरी से रोक सकते हैं, बसर्ते आपकी गाड़ी का ब्रेक सही हो।

रोड पर कौन सी साइड चलना चाहिए?

भारत की अगर हम बात करें तो ट्रैफिक सड़क की बाएं ओर चलता है इस हिसाब से देखा जाए तो आपको अपने साईड के दाहिनी ओर ही चलना चाहिए ताकि आप वाहनों को अच्छे से देख सकें और किसी प्रकार की दुर्घटना से अपने आपको तथा अपने वाहन को भी बचा सकें।

सड़क का निर्माण कौन करता है?

सड़क का निर्माण केन्द्र और राज्य दोनों के द्वारा किया जाता हैं। जो सड़के केन्द्र के अधिन आते हैं उसे केन्द्र सरकार तथा जो राज्य के अधिन आता है उसका निर्माण राज्य सरकार करती है, इनके अंतर्गत सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग कार्य करती है जो राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और अनुरक्षण मोटर यान अधिनियम और केन्द्रीय मोटर यान नियमावली के प्रषासन के साथ ही पड़ोसी देषों के साथ वाहन यातायात के आवागमन के लिए व्यवस्था तथा सड़क परिवहन पर्यावरण संबंधी मामलों को देखती है।

भारत का सबसे बड़ा रोडवेज कौन सा है?

भारत के सबसे बड़े रोडवेज की बात करें तो दिल्ली स्थित मिलेनियम पार्क बस डिपो वर्तमान स्थिति के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा बस डिपो है।

सड़क को कितने भागों में बांटा गया है?

भारत मे सड़कों को उनके निर्माण एवं रखरखाव की दृष्टि से मुख्यतः हम निम्न भागों में बांट सकते हैं:- 1. राष्ट्रीय राजमार्ग, 2. राज्य राजमार्ग, 3 सामान्य सड़कें, 4 ग्रामीण सड़कें।

मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना क्या है?

मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य ग्रामीण क्षेत्रों के पांच सौ और आदिवासी ग्रामीण क्षेत्र के 250 से कम आबादी वाले राजस्व ग्रामों तक ग्राम सड़क बनाने के लिये वर्ष 2010-11 से राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरु की गई थी। इसके अंतर्गत 2013 तक यह लक्ष्य रखा गया था कि जिसके अनुसार राज्य के ऐसे सभी ग्रामों तक साल भर आवागमन बनी रहे।

 

 

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