महाराणा प्रताप
अगर राजस्थान के इतिहास की बात हो और उसमे महाराणा प्रताप का नाम ना आये ये तो संभव ही नही है। एक ऐसा राजा जो अपने मातृभूमि के रक्षा के लिये अकेला खड़ा हो जाये और ऐसे साम्राज्य के खिलाफ जिसके नाम से ही बड़े से बड़े शक्ति संपन्न राज्य उसकी अधिनता स्वीकार कर ले।
ऐसे साम्राज्य के शासक को एक छोटे से राज्य के राजा होते हुये भी इस प्रकार से उसका सामना करे की वह शासक भी उसकी प्रशंसा करने पे मजबूर हो जाये उसे महाराणा प्रताप कहते हैं।
महाराणा प्रताप की मृत्यु
महाराणा प्रताप कि मृत्यु मेवाड़ के लिये एक बहुंत बड़ी विपत्ती थी इतिहासकारों का मानना है कि उनकी मृत्यु महज 56 वर्ष की आयु मे 19 जनवरी सन् 1597 को चावंड के जंगलों में शिकार करते समय दुर्घटना में लगी चोंट के कारण हुई।
महाराणा जी जब अपने जीवन के अंतिम सांस गिन रहे थे तथा अपनी मृत्यु शय्या पर लेटे थे तब उन्होने अपने बड़े बेटे अमर सिंह प्रथम को अपना उत्तराधिकारी बनाया।
महाराणा ने उससे कहा था की वह चाहे कैसी भी परिस्थिति हो कभी भी मुगलों के सामने घुटने ना टेके, इसके साथ ही उन्होने अपने हृदय मे दबे चित्तौड़ को वापस ना ले पाने की अधुरी इच्छा को भी उसके सामने जाहिर किया की किसी भी प्रकार से वह अपने चित्तौड़ को वापस जीत कर मेवाड़ मे मिला ले।
वीर पराक्रमी महाराणा प्रताप के उस समय के भाव कुछ ऐसे थे कि यदि उन्हे अपने जीवन का कुछ समय और मिल जाता तो वह चित्तौड़ पर अधिकार करने के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते।
परंतु यह अटल सत्य है कि, समय ना तो किसी के लिये रुकता है और ना ही मृत्यु, ये अपने समय पर ही आती है।
इस प्रकार से एक महान पराक्रमी प्रजा के हित मे कार्य करने वाले राजपूती आन-बान-षान महाराणा प्रताप का अंत हो गया। जब तक वह जीवित थे तब तक वे मुगलों से लगातार सघंर्ष करते रहे।
उनके शौर्य और शक्ति के कारण अकबर भी उनसे कभी भी रण मे युध्द के लिये स्वयं नहीं उतरा। यह बात भी सच है कि, महाराणा की प्रशंसा उनके शत्रु भी किया करते थे।
इतिहासकारों का मानना है कि, स्वयं अकबर ने कई बार उनकी प्रषंसा की है। मुगल सम्राट अकबर ने अपने बचपन मे ये सुना था कि राजपूत बचपन से ही वीर योध्दा होते हैं, बहंुत पराक्रमी होते है, परंतु जब वे बड़े हुये तो लगभग सभी राजपूत राजाओं ने उनकी अधिनता स्वीकार कर ली थी और जो उनका विरोध किया उन्हे युध्द के बल पर जीता जा चुका था।
जब उनका सामना मेवाड़ से हुआ तब उन्हे अपने बचपन मे सुनी बातों का अहसास हुआ था। और उन्होने राजपूतों का लोहा माना था। यही कारण है कि अकबर भले ही महाराणा प्रताप के शत्रु थे परंतु प्रताप के हौंसले और साहस की वह प्रंशसक रहें है।
इस बात का पता इसी से चल जाता है कि, जब मेवाड़ मे महाराणा प्रताप की मृत्यु होने के बाद यह समाचार लाहौर मे अकबर को मिली तब अकबर की भी आंखे उनके सबसे बड़े दुस्मन की मौत की खबर से नम हो गई थीं। अकबर ने महाराणा के मृत्यु के बाद ही अपनी राजधानी लाहौर से आगरा की ओर स्थांनातरित करने की हिम्मत कर पाये थे।
महाराणा प्रताप का परिवार
सिंसोदिया राजवंश की बात करें तो इनकी पिढ़ी बहुंत लंबी है, इनके शासकों मे सबसे पहले किसी का नाम आता है तो वह है राणा हम्मीर सिंह तथा सन् 1948 तक शासक के रुप मे भूपाल सिंह तक का इनका इतिहास रहा है। इसी राजवषं मे विर प्रतापी महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था।
महाराणा प्रताप के दादा जी का नाम महाराणा संग्राम सिंह था जिन्हे राणा सांगा के नाम से जाना जाता है। उनके माता पिता का नाम उदय सिंह एवं जयवंता बाई था।
महाराणा प्रताप के कई भाई थे उनमे से कुछ नाम जगमाल सिंह, शक्ति सिंह, सागर सिंह, राम सिंह, हैं। प्रताप सबसे बड़े थे। जगमाल सिंह वहीं है जो मेवाड़ का राजा बनना चाहता था।
इसके अतिरिक्त दो सौतेली बहनों के नाम थींरू चंद कंवर और मान कंवर थीं। महाराणा प्रताम के 14 पत्नियां थी, इनमे सबसे पहला विवाह अजबदे पन्वार से हुआ था, जो सबसे बड़ी थी। अपने सभी पत्नियों को मिला कर उनके 17 बेटे और 5 बेटियां थीं। प्रताप के सबसे बड़े बेटे का नाम अमर सिंह था।
इसके अलावा प्रताप के और पुत्रों के नाम भगवानदास, सहसमल, गोपाल, हाथी, रामसिंह, जसवंत सिंह, काचरा, सांवलदास, पूर्णमल, शेखा, चंदा, कल्ययाणदास, दुर्जन सिंह, माना, रायभान, नाथा था।
उनके बेटियों के नाम रखमावती, सुक कंवर, कुसुमावती, दुर्गावती, राम कंवर थी। जब महाराण प्रताप की मृत्यु हुई तब उनके सबसे बड़े बेटे अमर सिंह महाराणा बने।
महाराण प्रताप से संबंधित प्रश्न जो लोग पूछते हैं
महाराणा प्रताप का वैसे तो प्रताप के अलावा इनका कोई और अलग नाम नहीं था, परंतु भील समुदाय के साथ उनका बचपन बिता था जहां भील समुदाय के लोग अपने बच्चों को कीका कहकर पुकारा करते थे, जिससे महाराणा प्रताप को भी इसी नाम से वे पुकारते थे। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि उन्हे बचपन मे कीका नाम से भी जाना जाता था।
महाराणा प्रताप का भील समुदाय से इतना घनिष्ठ संबंध है कि वे उन्हे अपना पुत्र मानते थे। इसका मुख्य कारण है महाराणा प्रताप के उनके बिच रहना। जब उदय सिंह को यह आभास हुआ की चित्तौड़ का गढ़ अब मुगलों से सुरक्षित नहीं रहा तब उन्होने पहाड़ी क्षेत्र मे उदयपुर नगर को बसाया। इस समय उस क्षेत्र मे बड़ी संख्या मे भील समुदाय वहां निवास करते थे, इनका महाराणा से संपर्क हुआ और उनका साथ महाराणा प्रताप को इतना पसंद था की वह उन्ही के बिच रहते थे। इस प्रकार महाराणा प्रताप और भील समुदाय के बिच प्रेम का संबंध था।
महाराण प्रताप बचपन से ही दयभाव से ओतप्रोत थे, उनमे स्वयं के राजकुमार अथवा राजा का पुत्र होने का थोड़ा सा भी ईष्र्या शेस न था। प्रताप मे बचपन से ही धार्मिक आचरण विद्यमान थे इसके साथ ही वे स्वाभिमानी किस्म के थे। भील समुदाय के साथ होने तथा एक राजकुमार होने के कारण बचपन से ही लड़ने की कला भी सिख चुके थे, इस प्रकार वे बालपन से ही बहादुर थे।
महाराणा प्रताप के जन्म की बात करें तो उनका जन्म 9 मई सन् 1540 को राजस्थान स्थित कुम्भलगढ़ मे हुआ था।
महाराण प्रताप के पिता महाराणा उदय सिंह एवं माता जयवंता बाई थीं।
महाराणा प्रताप के दादा का नाम महाराणा संग्राम सिंह था, जो राणा सांगा के नाम से भी प्रशिध्द हैं।
महाराणा प्रताप अपने पिता उदय सिंह के मृत्यु के बाद 28 फरवरी सन् 1572 को दरबार के प्रतिष्ठित लोगों के सहयोग से राजा बनाये गये।
महाराणा प्रताप के पत्नियों के संबंध मे इतिहासकारों द्वारा उनके 14 पत्नी होना बताया गया है। जिनमे सबसे पहली पत्नी के रुप मे अजबदे पन्वार का नाम आता है।
महाराणा प्रताप के सभी पत्नियों से उनके कुल 17 बेटे थे। उनके पुत्रों के नाम अमर सिंह, भगवानदास, सहसमल, गोपाल, हाथी, रामसिंह, जसवंत सिंह, काचरा, सांवलदास, पूर्णमल, शेखा, चंदा, कल्ययाणदास, दुर्जन सिंह, माना, रायभान, नाथा था।
महाराणा प्रताप के 5 बेटियां थीं। जिनका नाम रखमावती, सुक कंवर, कुसुमावती, दुर्गावती, राम कंवर था।
महाराण प्रताप राजस्थान के सिंसोदिया राजवषं से ताल्लुक रखते थे।
महाराणा कोई नाम नहीं है बल्की राजा की उपाधी है, जिस प्रकार से देश के विभिन्न हिस्सों मे राजा कहा जाता है, मुस्लिम सुल्तान अथवा शंहसाह कहते हैं, ठीक उसी प्रकार राजस्थान मे मेवाड़ के धरती पर राज करने वाले राजा को महाराणा कहा जाता था।
इतिहासकारों का मानना है कि महाराणा प्रताप का कुंभलगढ मे जन्म हुआ और कुछ समय यहां बिताने के बाद उनका बचपन उदयपुर मे भील समुदायों के बिच बिता था। इसके अतिरिक्त उनकी सुरक्षा के लिये कई और जगह थीं जहां उन्हे कुछ समय के लिये रहना पड़ा था।
महाराणा प्रताप का जन्म कुंभलगढ़ मे हुआ था। यहां वे अपने माता के देखरेख मे रहते थे।
महाराणा प्रताप के शौर्य और शक्ति से मुगल सम्राट अकबर भलीभांति परिचित था, जिसके कारण वह महाराणा से डरता था।
महाराण प्रताप का सबसे बड़ा दुस्मन अगर कोई था तो वह था अकबर।
महाराणा प्रताप के तलवार की वजन की अगर बात करें तो इसका वजन लगभग 1.8 की.ग्रा. था।
महाराणा प्रताप की उंचाई लगभग 5.8 फीट से 5.10 फीट के मध्य था।
महाराणा प्रताप मे वैसे तो बहुंत से अच्छे गुण थे परंतु मुख्य रुप से उनमे दयाभाव एवं न्याय प्रिय शासक होने का गुण था।
महाराणा प्रताप एक राजा थे जिन्हे हर सुख सुविधा प्राप्त थी, परंतु उनमे खाने को लेकर कहीं उनकी पसंद के बारे मे कोई विशेष जानकारी नहीं मिलती है। यदि उनके भोजन के संबंध मे देखा जाये तो वे बचपन मे भील समुदाय के बिच पले बढ़े हैं जो एक सामान्य जीवन व्यतित करते हैं इसके साथ ही उनका खान पान भी सामान्य होता है। महाराणा प्रताप को उनका साथ अच्छा लगता था, इसका अर्थ यह निकाला जा सकता है कि उनका भी खान पान सामान्य था।
महाराणा प्रताप एक हिन्दू सम्राट थे जिसके कारण वे स्थानीय देवी देवताओं की पूजा करते थे और चंडी माता के उपासक थे। इसके अतिरिक्त मुख्य रुप से देखा जाये तो ये एकलिंग महादेव के उपासक थे जो इनके कुलदेवता भी थे।
महाराणा प्रताप की कुल 14 पत्नियां थी वे सभी बहंुत सुंदर थीं, इनमे यदि तुलना कि जाये तो कुछ जारकारों के अनुसार महाराण प्रताप की पहली पत्नी अजबदे पन्वार सभी रानियों से सुंदर थी।
महाराण प्रताप ने कुल 14 बार शादियां की थी।
महाराणा प्रताप और अकबर के बिच अनेक बार युध्द हुये, इन युध्दो मे अकबर ने कभी भी स्वयं अपनी सेना का नेतृत्व नहीं किया था। महाराणा प्रताप के खिलाफ जितने भी युध्द हुये उनमे अकबर की ओर से नेतृत्व उनके सेनापति करते थे, इतिहासकारों की माने तो महाराणा प्रताप ने सन् 1577, 1578 और 1579 मे तीन बार बहुंत बुरी तरह अकबर को हराया था।
मेवाड़ राजपूतों की धरती रही है यहां एक से बढ़कर एक योध्दाओं ने जन्म लिया इन योध्दाओं के शौर्य की अपनी एक अलग ही कहानी हैं। सबसे महान शासक की बात करें तो इतिहासकारों के अनुसार महाराणा संग्राम जिन्हे राणा सांगा के भी नाम से जाना जाता है उन्हे मानते हैं।महाराणा प्रताप का बचपन का नाम क्या था?
महाराणा प्रताप और भील समुदाय मे क्या संबंध है?
महाराणा प्रताप बचपन मे कैसे थे?
महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ था?
महाराणा प्रताप के माता पिता का क्या नाम था?
महाराणा प्रताप के दादा का क्या नाम था?
महाराणा प्रताप कब राजा बने?
महाराणा प्रताप के कितनी पत्नी थी?
महाराणा प्रताप के कितने बेटे थे?
महाराणा प्रताप के कितनी बेटी थी?
महाराणा प्रताप किस राजवंशं से थे?
महाराणा का क्या मतलब होता है?
महाराणा प्रताप ने अपना बचपन कहां बिताया था?
महाराणा प्रताप का जन्म कहां हुआ था?
महाराणा प्रताप से कौन डरता था?
महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा दुस्मन कौन था?
महाराणा प्रताप के तलवार का वजन कितना था?
महाराणा प्रताप कितने लंबे थे?
महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा गुण क्या था?
महाराणा प्रताप का भोजन क्या था?
महाराणा प्रताप कौन से भगवान को मानते थे?
महाराणा प्रताप की सबसे सुंदर पत्नी कौन थी?
महाराणा प्रताप ने कितनी बार शादी की थी?
महाराणा प्रताप ने अकबर को कितनी बार हराया था?
मेवाड़ का सबसे महान शासक कौन था?