जीवन का दुश्मन – ESSAY IN HINDI
मनुष्य जब स्वंय को मशीन बनाने का प्रयास करता है और इस रुप मे स्वयं को ढालता है तब उसके जीवन में यदि देखें तो यांत्रिकता के अतिरिक्त और क्या बांकी रह सकता है। परंतु इसके परे जो मनुष्य स्वयं को पहचानता है, वह कभी भी स्वयं को बासी नहीें होने देता। यहां बासी … Read more