अंतःकरण – ESSAY IN HINDI

अंतःकरण - ESSAY IN HINDI

हम जो भी सोचते हैं और जो भी करते है वह सभी हमारे अंतःकरण से जुड़ी हुई होती है। सुबह के समय एक बिस्तर में से उठते ही एक स्त्री कहती है ओह भगवान! फिर से सबेरा हो गया। अब फिर कोल्हू के बैल की तरह काम में जुटना पड़ेगा। ये मेरी कोई जिंदगी है। … Read more