दूःख ही दूःख – ESSAY IN HINDI
दूःख ही दूःख निबंध में कुछ ईर्ष्या से भरे लोगों के मनः स्थिति को समझाने का प्रयास किया गया है। विक्टोरिया मेमोरियल में वर्षों पूर्व एक घटना प्रकाशित हुई थी वह आंतरिक खुमारी द्वारा प्रसन्न रहने की प्रेरणा देती है। एक धर्माचार्य की पत्नी ने मिस हाइसी से कहा मैडम! मुुझे यह जानकर बहुत दुःख … Read more