मन की पराकाष्ठा – ESSAY IN HINDI

मन की पराकाष्ठा - ESSAY IN HINDI

एक बगीचे में बहुत से लोग आपस में बातें करते हुए बगीचे मे घूम रहे थे। वहीं पर पास मे ही एकांत में एक बच्चा बैठा था जो बिलकुल अकेला था। परंतु वह स्वयं से कुछ इस प्रकार बातें कर रहा था जैसे मानों किसी और व्यक्ति अथवा बच्चे से वार्तालाप कर रहा हो, यह … Read more